Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi -स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध |

प्रस्तावना –
भारत गरीब मजदूर किसानों का देश है दरिद्रता अर्थात् गरीबी अस्वच्छता अर्थात् गन्दगी में बसती है; क्योंकि गन्दगी हमारे भीतर और वातावरण में नकारात्मक का संचार करती है। नकारात्मकता व्यक्ति को उसके पुरुषार्थ से रोकती है और पुरुषार्थहीन व्यक्ति के पास दरिद्रता स्वयं ही आ जाती है। इसलिए सुख-समृद्धि से परिपूर्ण समाज की स्थापना के लिए स्वच्छता अनिवार्य है। (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi )
देश की स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद से ‘गरीबी हटाओ’ का नारा सभी सरकारों ने देश को दिया, किन्तु देश से गरीबी न मिट सकी। आखिर अस्वच्छता के रहते गरीबी हटे भी तो कैसे? हमारे पुराणों में भी कहा गया है कि लक्ष्मी स्वच्छता में निवास करती है, इसलिए तो लक्ष्मीपूजन के पर्व से पूर्व घर की सम्पूर्ण सफाई का विधान किया। गया है। यदि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखें तो यह सर्वविदित है कि गन्दगी रोगों के फैलने का सबसे मुख्य कारण है। गन्दगी के रहते जब व्यक्ति स्वस्थ ही न रहेगा, तब वह काम भी क्या करेगा और निरुद्यमी के पास लक्ष्मी नहीं आती, यह स्वतः प्रमाणित शाश्वत सत्य है।
स्वच्छता के महत्त्व को समझते हुए ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता पर विशेष बल दिया, किन्तु उनकी स्वच्छ भारत की संकल्पना जनान्दोलन न बन सकी। स्वतन्त्रता की अर्द्धशती बीते भी एक लम्बा अन्तराल हो गया, किन्तु गांधीजी की स्वच्छ भारत की संकल्पना परवान न चढ़ सकी। माननीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीजी ने उनको इस संकल्पना को साकार करने के लिए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का बिगुल फूंका है।
मोदीजी की स्वच्छ भारत की संकल्पना-
माननीय मोदीजी की स्वच्छ भारत अभियान की संकल्पना यह है कि देश के प्रत्येक शहरी और ग्रामीण परिवार में एक स्वच्छ शौचालय हो, जिन घर-परिवारों में स्थानाभाव के कारण शौचालय बनाया जाना सम्भव न हो, वहाँ पर सुलभ सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाए। देश के प्राथमिक से लेकर उच्चशिक्षा तक के प्रत्येक विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए स्वच्छ और पृथक्-पृथक् शौचालय हो।
उनकी इस संकल्पना से जहाँ सिर पर मैला ढोने की अमानवीय प्रथा समाप्त होगी, वहीं देश की उन करोड़ों महिलाओं को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्राप्त होगा, जिनको खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। उन बालिकाओं के विद्यालय जाने का मार्ग प्रशस्त होगा, जो विद्यालयों में अलग शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण विद्यालय नहीं जा पातीं।
मोदीजी की स्वच्छ भारत अभियान की संकल्पना केवल शौचालयों के निर्माण तक ही सीमित नहीं है। उनका प्रयास है कि देश का प्रत्येक कोना स्वच्छ हो। इसके लिए देश के प्रत्येक नागरिक की भागेदारी आवश्यक है। उन्होंने देश के सवा सौ करोड़ नागरिकों का आह्वान किया है कि देश के प्रत्यक नागरिक को यह संकल्प लेना होगा कि वह न स्वयं गन्दगी फैलाएगा और न दूसरों को फैलाने देगा। यदि देश का प्रत्येक नागरिक अपनी इस जिम्मेदारी को समझे तो देश गन्दा ही न होगा और सारा देश स्वतः ही स्वच्छ हो जाएगा।
स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत- ( Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi )
अपने ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत अभियान की मोदीजी ने महात्मा गांधीजी की जयन्ती पर 2 अक्टूबर, 2014 ई० को राजपथ से लोगों को स्वच्छता की शपथ शुरूआत माननीय दिलाकर की। इस दिन उन्होंने स्वयं मन्दिर मार्ग, नई दिल्ली स्थित वाल्मीकि बस्ती जाकर झाड़ू लगाकर फुटपाथ की सफाई की और स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत बने पहले जैविक शौचालय (बायो टॉयलेट) को जनता को समर्पित किया।
स्वच्छ भारत अभियान हेतु नवरत्नों की घोषणा-
स्वच्छ भारत अभियान से देश के प्रत्येक नागरिक को जोड़ने के लिए माननीय प्रधानमन्त्री ने 2 अक्टूबर को ही देश के नौ प्रतिष्ठित लोगों को नवरत्न के रूप में नामांकित किया, जिनसे प्रेरणा ग्रहण करके देश के लोग स्वच्छ भारत अभियान में पूर्ण मनोयोग से लग जाएँ। उनके ये नवरत्न हैं—गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, प्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेन्दुलकर, योगगुरु बाबा रामदेव, कांग्रेसी नेता शशि थरूर, उद्योगपति अनिल अम्बानी, फिल्म अभिनेता कमल हासन, सलमान खान, अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा और प्रसिद्ध टी०वी० सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की पूरी टीम ।
इसी प्रकार 7 नवम्बर, 2014 ई० को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के असी घाट पर मोदीजी ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए उत्तर प्रदेश के नवरत्नों के रूप में भी नौ प्रसिद्ध लोगों को नामांकित किया। इन नौ लोगों में प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, क्रिकेटर मौहम्मद कैफ तथा सुरेश रैना, हास्य टी०वी० कलाकार राजू श्रीवास्तव, सूफी गायक कैलाश खेर, भोजपुरी फिल्म अभिनेता मनोज तिवारी, लेखक मनु शर्मा, संस्कृत विद्वान् पद्मश्री प्रोफेसर देवीप्रसाद द्विवेदी, अन्य विश्वविद्यालय चित्रकूट के कुलपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य सम्मिलित हैं।
मोदीजी ने इन लोगों के नामांकन के साथ इन सभी का आह्वान किया कि ये सभी लोग अपने स्तर पर नौ-नौ और लोगों को इस अभियान हेतु नामांकित करें, फिर वे लोग दूसरे नौ-नौ लोगों को नामांकित करें। इस प्रकार लोगों की एक श्रृंखला बनती चली जाएगी और देश के सभी लोग इस अभियान से जुड़कर भारत को स्वच्छ बनाने में सफल होंगे। स्वच्छ भारत अभियान का प्रारूप-स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर चलाया गया जन-आन्दोलन है, जिसका प्रयास सन् 2019 ई० तक सम्पूर्ण भारत को स्वच्छ बनाना है। सरकारी सहायता हेतु इस अभियान को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है-

(क) शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत अभियान— (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi )
अभियान का उद्देश्य 1.04 करोड़ परिवारों को लक्षित करते हुए 2-5 लाख सामुदायिक शौचालय, 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय और प्रत्येक शहर में एक ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की सुविधा प्रदान करना है। इस कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में जहाँ व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण करना मुश्किल है, वहाँ सामुदायिक शौचालयों का निर्माण करना तथा पर्यटन स्थल बाजारों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों जैसे प्रमुख स्थानों पर भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करना प्रस्तावित है।
यह कार्यक्रम पाँच साल की अवधि में 4401 शहरों में लागू किया जाएगा। इस कार्यक्रम में खुले में शौच करने को रोकना, अस्वच्छ शौचालयों को फ्लश शौचालयों में परिवर्तित करने, मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन करने, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता से जुड़ी प्रथाओं के सम्बन्ध में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के कार्यक्रम शामिल हैं।
(ख) ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत अभियान-
निर्मल भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए माँग आधारित एवं जनकेन्द्रित अभियान है, जिसमें लोगों की स्वच्छता सम्बन्धी आदतों को बेहतर बनाना, स्वसुविधाओं की मांग उत्पन्न करना और स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध कराना शामिल है, जिससे ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया जा सके। अभियान का उद्देश्य पाँच वर्षों में भारत को खुला शौच से मुक्त देश बनाना है।
अभियान के तहत देश में लगभग 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण के लिए एक लाख चौतीस हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएँगे। बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोगकर ग्रामीण भारत में कचरे का इस्तेमाल उसे पूंजी का रूप देते हुए जैव उर्वरक और ऊर्जा के विभिन्न रूपों में परिवर्तित करने के लिए किया जाएगा। अभियान को युद्ध स्तर परप्रारम्भ कर ग्रामीण आबादी और स्कूल शिक्षकों व छात्रों के बड़े वर्गों के अलावा प्रत्येक स्तर पर इस प्रयास में देशभर की ग्रामीण पंचायत समिति और जिला परिषद् को भी इससे जोड़ा जाना है।
(ग) स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान-
मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के अधीन स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान 25 सितम्बर, 2014 से 31 अक्टूबर, 2014 ई० के बीच केन्द्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में आयोजित किया गया। इस दौरान की जानेवाली गतिविधियाँ इस प्रकार रहीं-
(1) शिक्षकगण स्कूल कक्षाओं के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर, विशेष रूप से महात्मा गांधी की स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ से जुड़ी शिक्षाओं के सम्बन्ध में बात करें।
(2) कक्षा, प्रयोगशाला और पुस्तकालयों आदि की सफाई करना।
(3) स्कूल में स्थापित किसी भी मूर्ति या स्कूल की स्थापना करनेवाले व्यक्ति के योगदान के बारे में बात करना और इनकी मूर्तियों की सफाई करना।
(4) शौचालयों और पीने के पानीवाले क्षेत्रों की सफाई करना।
(5) रसोई और भण्डार गृह की सफाई करना।
(6) स्कूल एवं बगीचों का रख-रखाव और सफाई करना।
(7) खेल के मैदान की सफाई करना।
(8) स्कूल भवन का वार्षिक रख-रखाव, रँगाई एवं पुताई के साथ।
(9) निबन्ध, वाद-विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
(10) बाल मन्त्रिमण्डलों का निगरानी दल बनाना और सफाई अभियान की निगरानी करना।
इसके अलावा फिल्म शो, स्वच्छता पर निबन्ध/ पेंटिंग और अन्य प्रतियोगिताओं, नाटकों आदि के आयोजन द्वारा स्वच्छता एवं अच्छे स्वास्थ्य का सन्देश प्रसारित करना। मन्त्रालय ने इसके अलावा स्कूलों के छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को शामिल करते हुए सप्ताह में दो बार आधे घण्टे सफाई अभियान शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा है।
(घ) निर्मल गंगा अभियान – (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi )
माननीय मोदीजी का एक और ड्रीम प्रोजेक्ट है-निर्मल गंगा अभियान। यद्यपि यह स्वच्छ भारत अभियान से अलग एक बड़ी योजना है, किन्तु गंगा के मैली रहते स्वच्छ भारत की कल्पना भला कैसे पूरी हो सकती है। इस अभियान के अन्तर्गत गंगा को सब प्रकार से स्वच्छ, निर्मल और पवित्र बनाने के साथ-साथ उसके घाटों और तटीय प्रदेशो को इस प्रकार विकसित करने की योजना है कि उससे पर्यटन के साथ-साथ जल परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध हो।

उपसंहार –
आशा की जा सकती है कि स्वच्छ भारत अभियान की संकल्पना निश्चय ही साकार होगी; क्योंकि जिस अभियान का प्रणेता माननीय नरेन्द्र मोदीजी जैसा कर्मठ, श्रमशील, ईमानदार और राष्ट्रवादी व्यक्ति हो, उसकी सफलता में किसी प्रकार का सन्देह नहीं किया जा सकता है। जिस दिन यह अभियान सफलतापूर्वक सम्पन्न हो जाएगा, उस दिन न केवल कश्मीर, वरन् सम्पूर्ण भारत देश धरती का स्वर्ग कहलाएगा।
If I were the Prime Minister of India- English Essay.
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